क्या तारीफ़ करे
तुम्हारी
लफ्ज ही नहीं
मिलते कही ।
खूबसूरत सी शाम हो
तुम
ये बात है सही ।
खिली खिली
धूप सी
वादियो
ने भी कही ।
वो सांवली
अनसुनी अनकही
तुम हो
वही
जो ख्वाबो
में थी कही ।
तुम्हारी
लफ्ज ही नहीं
मिलते कही ।
खूबसूरत सी शाम हो
तुम
ये बात है सही ।
खिली खिली
धूप सी
वादियो
ने भी कही ।
वो सांवली
अनसुनी अनकही
तुम हो
वही
जो ख्वाबो
में थी कही ।
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