हंसती दुनिया
Saturday 2 November 2013
इधर से , उधर से
तुम्हारा
दिल भी सागर सा गहरा होता
काश तुमने भी बूंदो को संजोया होता !
कुछ
तो बोल ,ये खामोशी अच्छी नहीं लगती
जाने क्यों तेरे ,आखों की कहानी सच्ची नहीं लगती !
शहर भर में ये बदनाम है
तेरी आखो का हुनर मुझे मालूम है !
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